|
|
|
Verein |
1. |
2. |
3. |
4. |
5. |
6. |
7. |
8. |
9. |
10. |
SV Höntrop 1916 |
|
2:1 |
3:1 |
3:1 |
3:1 |
5:0 |
2:1 |
5:1 |
9:2 |
2:0 |
SK Schwarz-Weiß 1900 Essen |
6:1 |
|
2:1 |
2:1 |
1:3 |
2:1 |
3:1 |
0:0 |
3:1 |
1:1 |
MBV Linden 1905 |
1:0 |
0:1 |
|
5:1 |
4:4 |
1:1 |
3:3 |
5:4 |
5:0 |
5:0 |
SV Union 1910 Gelsenkirchen |
1:1 |
1:2 |
4:1 |
|
4:0 |
2:2 |
4:0 |
4:0 |
2:1 |
2:1 |
BV Altenessen 1906 |
0:2 |
0:0 |
2:1 |
1:2 |
|
1:0 |
3:4 |
0:1 |
6:4 |
4:3 |
TuS Bochum 1908 |
2:2 |
1:5 |
3:1 |
3:1 |
5:1 |
|
0:2 |
2:4 |
0:2 |
8:1 |
SV Castrop 1902 |
2:4 |
0:2 |
1:4 |
4:3 |
1:7 |
5:2 |
|
0:2 |
2:3 |
3:0 |
SC Germania 1909 Herne |
1:4
|
1:1 |
2:3 |
0:3 |
4:1 |
0:0 |
0:2 |
|
3:3 |
0:1 |
STV 1906 Werne |
1:5 |
2:11 |
1:3 |
1:0 |
1:1 |
0:2 |
2:2 |
2:2 |
|
1:0 |
TuS Essen-West 1881 |
0:6 |
2:7 |
0:2 |
2:6 |
2:3 |
3:4 |
2:10 |
1:4 |
5:3 |
|
Platz |
Verein |
Spiele |
Siege |
Remis |
verl. |
Tore |
Punkte |
1. |
SV Höntrop 1916 |
18 |
14 |
2 |
2 |
59:22 |
30:6 |
2. |
SK Schwarz-Weiß 1900 Essen |
18 |
12 |
4 |
2 |
50:19 |
28:8 |
3. |
MBV Linden 1905 |
18 |
9 |
3 |
6 |
46:32 |
21:15 |
4. |
SV Union 1910 Gelsenkirchen |
18 |
9 |
2 |
7 |
42:29 |
20:16 |
5. |
BV Altenessen 1906 |
18 |
7 |
3 |
8 |
38:42 |
17:19 |
6. |
TuS Bochum 1908 |
18 |
6 |
4 |
8 |
36:38 |
16:20 |
7. |
SV Castrop 1902 |
18 |
7 |
2 |
9 |
43:46 |
16:20 |
8. |
SC Germania 1909 Herne |
18 |
5 |
5 |
8 |
29:37 |
15:21 |
9. |
STV 1906 Werne |
18 |
4 |
4 |
10 |
30:61 |
12:24 |
10. |
TuS Essen-West 1881 |
18 |
2 |
1 |
15 |
24:71 |
5:31 |
keine weiteren Ergebnisse bekannt
Absteiger: unbekannt
Aufsteiger: unbekannt
1933 wurden die 7 Landesverbände aufgelöst und durch einen
"Reichsführerring für Leibesübungen", welcher
am 30.1.1934 zum "Deutschen Reichsbund für Leibesübungen
umbenannt wurde, ersetzt. Dieser Verband verfügte über 15
Fachämter, so das der Deutsche Fussball Bund nur noch auf dem
Papier Bestand hatte. Auf regionaler Ebene wurden 16 Sportgaue geschaffen.
Daraus resultierte die Gauliga, die mindestens Zehn Vereine umfasste.
SV Höntrop 1916, FC Schalke 1904, SV Germania 1906 Bochum wurdem dem Gau 9 (Westfalen) zugeordnet. |
Verein |
1. |
2. |
3. |
4. |
5. |
6. |
7. |
8. |
9. |
10. |
FC Gelsenkirchen-Schalke 1904 |
|
6:1 |
5:2 |
2:2 |
4:3 |
4:0 |
5:0 |
4:1 |
3:0 |
4:1 |
SV Germania 1906 Bochum |
3:2 |
|
2:2 |
2:0 |
3:2 |
7:3 |
3:2 |
2:0 |
7:1 |
4:2 |
SV Rotthausen 1912 |
1:5 |
0:6 |
|
3:1 |
2:1 |
6:1 |
1:1 |
4:0 |
3:3 |
2:1 |
VfL Spfr. 1907 Essen |
0:6 |
0:6 |
0:2 |
|
1:2 |
7:1 |
4:2 |
5:0 |
4:0 |
5:1 |
SC Westfalia 1904 Herne |
0:1 |
3:0 |
1:0 |
3:3 |
|
2:4 |
2:0 |
2:3 |
6:0 |
3:1 |
STV Horst-Emscher |
2:5 |
2:2 |
6:2 |
2:2 |
1:1 |
|
2:2 |
0:3 |
5:1 |
8:0 |
VfL Hörde 1912 |
2:1 |
2:3 |
2:1 |
5:3 |
1:2 |
2:4 |
|
0:0 |
3:1 |
2:2 |
SpVgg Schwarz-Gelb Gladbeck |
1:4
|
0:1 |
0:4 |
0:4 |
2:1 |
2:0 |
1:3 |
|
2:3 |
2:1 |
Vereinigte Preußen 1907 Bochum |
0:5 |
0:5 |
1:2 |
2:3 |
1:3 |
3:0 |
2:0 |
1:2 |
|
0:3 |
Essener SV 1899 |
1:3 |
2:7 |
0:3 |
1:2 |
2:1 |
1:2 |
2:3 |
2:3 |
0:2 |
|
Platz |
Verein |
Spiele |
Siege |
Remis |
verl. |
Tore |
Punkte |
1. |
FC Gelsenkirchen-Schalke 1904 (M) |
18 |
15 |
1 |
2 |
69:20 |
31:5 |
2. |
SV Germania 1906 Bochum |
18 |
14 |
2 |
2 |
64:29 |
30:6 |
3. |
SV Rotthausen 1912 |
18 |
9 |
3 |
6 |
40:36 |
21:15 |
4. |
VfL Spfr. 1907 Essen |
18 |
8 |
3 |
7 |
46:40 |
19:17 |
5. |
SC Westfalia 1904 Herne |
18 |
8 |
2 |
8 |
38:29 |
18:18 |
6. |
STV Horst-Emscher |
18 |
6 |
4 |
8 |
43:52 |
16:20 |
7. |
VfL Hörde 1912 |
18 |
6 |
4 |
8 |
32:39 |
16:20 |
8. |
SpVgg Schwarz-Gelb 1929 Gladbeck |
18 |
7 |
1 |
10 |
22:41 |
15:21 |
9. |
Vereinigte Preußen 1907 Bochum |
18 |
4 |
1 |
13 |
21:56 |
9:27 |
10. |
Essener SV 1899 |
18 |
2 |
1 |
15 |
23:56 |
5:31 |
keine weiteren Ergebnisse bekannt
Absteiger: unbekannt
Aufsteiger: unbekannt
1933 wurden die 7 Landesverbände aufgelöst und durch einen
"Reichsführerring für Leibesübungen", welcher
am 30.1.1934 zum "Deutschen Reichsbund für Leibesübungen
umbenannt wurde, ersetzt. Dieser Verband verfügte über 15
Fachämter, so das der Deutsche Fussball Bund nur noch auf dem
Papier Bestand hatte. Auf regionaler Ebene wurden 16 Sportgaue geschaffen.
Daraus resultierte die Gauliga, die mindestens Zehn Vereine umfasste.
SV Höntrop 1916, FC Gelsenkirchen-Schalke 1904, SV Germania 1906 Bochum wurdem dem Gau 9 (Westfalen) zugeordnet. |
SV Höntrop 1916 |
FC Gelsenkirchen-Schalke 1904 |
3:5, 2:3 |
|
|
|
|